राजनीति में धर्म का हस्तक्षेप।| Communalism in Politics.
राजनीति में धर्म का हस्तक्षेप भारत राष्ट्र बहुत प्राचीन राष्ट्र है। यहाँ पर सभी धर्मालम्बी एवं विभिन्न भाषाओँ को बोलने वाले लोग निवास करते हैं। भारत-भूमि पर अनेक युग-पुरुषों ने जन्म ले लिए जैसे - मर्यादा पुरुषोत्तम राम, श्री कृष्णा, भगवान महावीर स्वामी, गौतम बुद्ध, गुरु नानकदेव आदि। समस्त युग-पुरुषों ने मिल-जुलकर रहने का सन्देश दिया। प्रत्येक धर्म के ग्रंथों में जैसे वेद, उपनिषद, गीता, रामायण, कुरान, बाइबिल, गुरुवाणी आदि में प्रेम से रहने का एवं मानव धर्म को सर्वश्रेष्ठ बताया है। प्राचीन समय में जब हम ग़ुलामी की ज़ंजीरों में जकड़े हुए थे उस समय हम सभी आपस में मिल-जुलकर रहते थे। एक-दूसरे के सुख-दुःख में सहभागी होते थे। उस समय हमारा धर्म मानव-धर्म था। उस समय एक ही लक्ष्य था कि हम अंग्रेज़ों से छुटकारा कैसे पाएं , हमारा राष्ट्र कैसे जल्द आज़ाद हो। यही सपना प्रत्येक भारतवासी अपने मन में संजोये हुए था। काफी संघर्ष एवं सहस्त्रों महापुरुषों के बलिदान के बाद १५ अगस्त, १९४७ को हमारा देश स्वतन्त्र हुआ। हमारे राष्ट्र में प्रातः सूर्य उदय हुआ , दुर्भाग्य से ग्रहण भी उसी दिन लगा।